क्यों? - ममता चौहान ( स्वरचित कविता)


क्यों?

लोग क्यों 
कहकर नकर जाते हैं
विश्वास दिलाते - दिलाते
एक दिन विश्वासघात कर जाते हैं।

कहने को बड़ा अच्छा लगता है
“ उम्र भर साथ निभाउंगा"!
साथ निभाने से पहले ही
न जाने क्यों साथ छोड़ जाते है।

मीठी-मीठी बातें कर
कड़वाहट का एहसास दिलाते हैं
समय-समय पर बदलकर
ये लोग अपनी औकात बताते हैं।

हम मनुष्य है
कोई गिरगिट नहीं
तो फिर क्यों,
हम समय समय रंग बदलते हैं?

जब निभा नहीं सकते
किसी भी रिश्ते को
तो क्यों उम्मीदे  लगाकर
ना उम्मीद करते हो।

            --------- ममता चौहान

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