जिंदगी - ममता चौहान, ( स्वरचित )
जिंदगी
ऐ जिंदगी
तु भले ही खामोश है
लेकिन बहुत कुछ
कहती हैं।
तेरे इशारों के बारे में
सुना था में ने
आज उसे
मेहसूस तु कराती है।
कहते हैं
जो होता है
उसके पिछे भी कोई
वजह होती है।
बस उसी वजह
की तलाश
मुझे
हमेशा रहती है।
कहने को तो
कोई ग़म नहीं
मगर ऐ जिंदगी
में खुश भी नहीं!
चहा जिसे
वो मुझे मिला नहीं
पाया वो
जिसे मैं ने सोचा तक नहीं।
जिंदगी तु कमाल है
तु धनुष से निकला बाण है।
ना तु किसी के पकड़ में आती है
और ना रोके से रुकती है।
कहते हैं
कठपुतली है हम
हमारी डोर
हमेशा उसके हाथ है।
वो
जो मर्जी हमसे कराता है।
कभी हंसाता तो
कभी रुलाता है।
रहती है
भविष्य की चिंता हमें
वो
हमारी आखरी सांस का वक्त भी बतला देता है।
ये मेरा , वो मेरा
करते - करते हमारी सांस फुल जाती है
फिर भी, कुछ साथ नहीं जाता
हमेशा यही बतलाती है।
जिंदगी के मायने क्या हैं
जियो और जीने दो
खुद भी खुश रहो
और सब को रहने दो।
किसी को
हंसी ना दे सके
तो
ग़म भी मत दो।
किसी के लिए
दुवा ना कर सके
तो
बद्दुआ भी मत दो।
यहां
हर कोई अपने कर्म का फल पाता है
अच्छे को अच्छा , बुरे को बुरा
सब का हिसाब किताब होता है।
जैसा सोचोगे
वैसा ही बनोगे
जो चाहोगे
वहीं तो पाओगे।
घमंड मत करना
जिंदगी में
जिसका घमंड तुम्हें आज है
कल वहीं तुम्हारा अंत है।
----------- ममता चौहान
Comments
Post a Comment