अकाल और उसके बाद -- नागार्जुन


    अकाल और उसके बाद 
                       ----- नागार्जुन

कई दिनों तक चूल्हा रोया , चक्की रही उदास
कई दिनों तक कानी कुतियॉं सोई उनके पास
कई दिनों तक लगी भीत पर छिपकलियों की गश्त
कई दिनों तक चुहों की भी हालत रही शिकस्त।

दाने आए घर के अंदर कई दिनों के बाद
धुआं उठा आंगन से ऊपर कई दिनों के बाद
चमक उठी घर भर की आंखें कई दिनों के बाद
कौए ने खुजलाई पॉंखें कई दिनों के बाद।

                     -------- नागार्जुन

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