नज़रिया

   नज़रिया
   
कौन कहता है?
खुश रहने के लिए,
पैसे होने चाहिए।

मैं ने निर्धन के घर में भी
खुशी देखी है।

समाधान होता है
उस घर में,
जहां दो वक्त की रोटी भी नसीब नहीं होती

अमीरों को तो मैंने
संपत्ति के लिए अपनों से लड़ते देखा है।

कहते हैं
सरस्वती और लक्ष्मी माता
एकसाथ, एक जगह नहीं रह सकती

मैंने दोनों को, बहनों की तरहां
किसी के घर में एकसाथ रहते देखा है।

सुख और शांति
माना सबके घर में
नहीं रहती

लेकिन जहां बड़ों का आदर-सत्कार हो
वहां से बच के कहीं नहीं जाती।

                   ------------  ममता चौहान

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