जिंदगी जीना सिखाएगी- ममता चौहान, ( स्वरचित कविता)
जिंदगी जीना सिखाएगी
जितना सिखोंगे
उतना सिखाएगी
तुम थक भी गए
फिर भी धकेल कर
वो तुमको आगे बढ़ाएगी।
कहेगी
आज कुछ नया सिख
हम भले ही तय्यार ना हो
लेकिन
वो अपना कार्य सरलता से कर जाएगी।
कभी घाटे का सौदा
तो कभी मुनाफा
दे जाएगी।
तु टेंशन ना ले
ये हर दिन एक नया पाठ पढ़ाएगी।
कभी अपने-पराऐ की
पहचान कराएगी
तो कभी
सच्च को झुठ
बताएगी।
कभी धीरज तो कभी
साहस बढ़ाएगी।
इन्हीं छोटे - छोटे पाठोंसे
हमें परिपक्व बनाएगी।
----------- ममता चौहान
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